Method of Baglamukhi Havan-(बगलामुखी हवन की विधि) बगलामुखी हवन की विधि को कुछ आसान चरणों में बांटा जा सकता है:
हवन स्थल का चयन: सबसे पहले, हवन के लिए एक शुद्ध और पवित्र स्थान का चयन करें। यह स्थान स्वच्छ और शांत होना चाहिए।
पुजारी की नियुक्ति: हवन का आयोजन योग्य और अनुभवी पुजारी द्वारा ही किया जाना चाहिए, जो बगलामुखी देवी के मंत्रों का सही उच्चारण कर सके।
सामग्री का संग्रह: हवन सामग्री में विशेष रूप से बगलामुखी देवी के चित्र या मूर्ति, घी, जौ, ताम्बूल, बगला मंत्र (सिद्ध मंत्र), हवन कुंड, आम की लकड़ी, और विशेष जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है।
हवन कुंड की स्थापना: हवन कुंड को एक उचित स्थान पर स्थापित करें और उसमें आहुति देने के लिए समिधाएँ और घी रखें।
मंत्रों का जाप: बगलामुखी हवन के दौरान विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है, जैसे:
Method of Baglamukhi Havan mantra
“ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बन्धय बन्धय ॐ स्वाहा”।
आहुति देना: जब मंत्रों का जाप पूरा हो जाए, तो हवन कुंड में आहुति देने की प्रक्रिया शुरू होती है। आहुति देने से पहले हवन सामग्री को समर्पित किया जाता है और फिर देवी बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आहुति दी जाती है। अर्चना और आरती: हवन समाप्त होने के बाद देवी की आरती और भजन गाकर पूजा का समापन करें।

बगलामुखी हवन के लाभ
शत्रु नाश: बगलामुखी हवन को विशेष रूप से शत्रुओं को परास्त करने के लिए किया जाता है। यह व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करता है।
समस्याओं का समाधान: इस हवन से व्यक्ति की जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और समस्याओं का समाधान होता है।
व्यापार में उन्नति: यदि कोई व्यक्ति व्यापार में असफल हो रहा हो, तो बगलामुखी हवन उसे सफलता और उन्नति दिलाने में मदद करता है।
बुरी नजर से सुरक्षा: यह हवन बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।